21 जून यानी आज साल का सबसे बड़ा दिन, जानिए 10 खास बातें
दुनिया ग्रीष्म संक्रांति 2022 मंगलवार, 21 जून, 2022 को देखेगी। ग्रीष्मकालीन संक्रांति, उर्फ जून संक्रांति, उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन है और दक्षिणी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन है।
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21 जून को पृथ्वी पर दिन सुबह जल्दी होगा जबकि सूर्यास्त देर से होगा। जिसके कारण सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होगी। आखिर ऐसा क्यों होता है। आओ जानते हैं इस संबंध में 10 रोचक बातें।
1. दरअसल, 21 दिसंबर के बाद रातें छोटी होने लगती हैं और दिन बड़े होने लगते हैं। फिर 21 जून ऐसा समय आते है जबकि वर्ष का सबसे बड़ा या कहें कि लंबा दिन होता है। इसके बाद ये घटना शुरू होता है। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबा और रात छोटी होती है।
2. सबसे खास बात यह है कि इस दिन दोपहर में ऐसा पल ऐसा भी आता है जबकि आपकी परछाई आपका साथ छोड़ देती है। दरअसल ऐसा सूर्य की कर्क रेखा में स्थिति होने के चलते होता है। सूर्य कर्क रेखा पर एकदम लंबवत हो जाता है जिसके चलते धरती पर उसका प्रकाश सीधा आता है। इस खगोलीय घटना को शंकु यंत्र के माध्यम से देखा जा सका। इन दिन सूर्य से पृथ्वी के इस हिस्से को मिलने वाली ऊर्जा 30 प्रतिशत ज्यादा होती है।
3. इस खगोलीय घटना के अंतर्गत 21 जून के बाद से सूर्य दक्षिण की ओर गति करना प्रारंभ कर देगा, जिसे दक्षिणायन का प्रारंभ कहा जाता है। दिन क्रमशः छोटे होते जाएंगे और 21 सितंबर आते-आते दिन और रात एक बराबर हो जाते हैं। इसके बाद 21 सितंबर से रात लंबी होने का सिलसिला बढ़ने लगता है। ये प्रक्रिया 23 दिसंबर तक होती है।
4. पंचांग में संक्रांति के तौर पर दर्ज इस दिन पृथ्वी का अक्षीय झुकाव सूर्य की ओर अधिकतम होने पर दिन की अवधि बढ़ जाती है। इसे कर्क संक्रांति कहते हैं।
5. कर्क संक्रांति के समय पर सूरज की ओर पृथ्वी अपनी धुरी पर 23 डिग्री और 26 मिनट तक झुकी रहती है, जोकि इसके झुकाव की अधिकतम सीमा है।
6. भारतीय संस्कृति के अनुसार काल गणना की शून्य रेखा भी उज्जैन व डोंगला से गुजरती है। अतः डोंगला में कर्क रेखा (पूर्व से पश्चिम) व शून्य रेखा (उत्तर से दक्षिण) का कटाव बिंदू होने से विश्व में डोंगला वेधशाला कालगणना हेतु महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है।
7. 21 जून को सूर्य की किरणें धरती पर लगभग 15 से 16 घंटे तक रहती हैं। इसलिए इस दिन को वर्ष का सबसे बड़ा दिन कहते हैं।
8. इस घटना को सोल्सटाइस भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि सूर्य अभी भी खड़ा है।
9. हालांकि इसका अपवाद भी है। 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन था और अब ऐसा 2203 में होगा।
10. 21 जून का दिन खासकर उन देश के लोगों के लिए सबसे लंबा होता है जो भूमध्यरेखा यानि इक्वेटर के उत्तरी हिस्से में रहते हैं। जिसमें उत्तर अमेरिका, यूरोप, रूस, एशिया और आधा अफ्रीका आते हैं।