Amritsar: स्वर्ण मंदिर से लेकर जलियांवाला बाग तक, क्या है इस शहर की ख़ास बातें और गौरवशाली इतिहास

भारत के पंजाब राज्य का शहर अमृतसर, जिसे पवित्र शहर के नाम से भी जाता है आज हम इस आर्टिकल में अमृतसर का नाम, पाकिस्तान से अलग होने का इतिहास और भी बहुत सी बातों से आपको रूबरू करवाएंगे

Amritsar: स्वर्ण मंदिर से लेकर जलियांवाला बाग तक, क्या है इस शहर की ख़ास बातें और गौरवशाली इतिहास

अमृतसर (Amritsar) भारत के पंजाब (Punjab) राज्य का एक शहर है इसे पंजाब (Punjab) का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र शहर माना जाता है। इसे पवित्र इसलिए माना जाता है क्योंकि सबसे बड़ा सिख गुरुद्वारा स्वर्ण मंदिर अमृतसर में ही है। ताजमहल के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को देखने आते हैं। स्वर्ण मंदिर को अमृतसर का दिल माना जाता है। यह गुरु रामदास का डेरा हुआ करता था। अमृतसर शहर, जिले का प्रशासनिक मुख्यालय, पंजाब राज्य, उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित है। अमृतसर पाकिस्तान की सीमा पर स्थित पंजाब का सबसे बड़ा शहर है। अमृतसर कई त्रासदियों और दर्दनाक घटनाओं का गवाह रहा है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा नरसंहार अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुआ था। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारा भी उस समय अमृतसर में हुआ था। इतना ही नहीं, अफगान और मुगल शासकों ने इस पर कई हमले किए और इसे बर्बाद कर दिया। इसके बावजूद सिखों ने अपने दृढ़ संकल्प और दृढ़ इच्छा शक्ति से इसे फिर से स्थापित किया। वैसे तो समय के साथ अमृतसर में काफी बदलाव आया है लेकिन आज भी अमृतसर की शान बरकरार है।

इतिहास (History)

अमृतसर (Amritsar) लगभग साढ़े चार सौ वर्षों से अस्तित्व में है। गुरु रामदास (Guru Ramdas) ने सबसे पहले 1577 में 500 बीघा में गुरुद्वारे (Gurudwara) की नींव रखी थी। यह गुरुद्वारा एक झील के बीच में बना है। यहां बना तंदूर बहुत ही स्वादिष्ट होता है। यहां कृपाण, आम पापड़, आम का अचार और सिखों के दस गुरुओं के सुंदर चित्र मिलते हैं।

अमृतसर (Amritsar) में पहले जैसा आकर्षण नहीं रहा। अमृतसर (Amritsar) के पास अपने गौरवशाली इतिहास के अलावा और कुछ नहीं है। अमृतसर में स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) के अलावा कुछ देखने लायक है वह है अमृतसर का पुराना शहर। इसके चारों ओर एक दीवार है। इसके बारह प्रवेश द्वार (twelve gates) हैं। ये बारह द्वार अमृतसर (Amritsar) की कहानी बयां करते हैं। अमृतसर (Amritsar) जाने का सबसे अच्छा साधन साइकिल (cycle) रिक्शा (rickshaws) और ऑटो (autos) हैं। इस विरासत को आगे बढ़ाने और इस विरासत को संरक्षित करने के लिए, पंजाब पर्यटन विभाग (Punjab Tourism Department) ने फाजिल्का स्थित एक गैर सरकारी संगठन ग्रेजुएट वेलफेयर एसोसिएशन फाजिल्का के सहयोग से इको फ्रेंडली रिक्शा का एक नया रूप शुरू किया है, अमृतसर में "इको-कैब" '(Eco-Cab) रूप दिया है। अब ईको-कैब (Eco-Cab) में न केवल अमृतसर में रिक्शा चलाते समय पर्यटकों की जानकारी के लिए शहर का एक पर्यटन मानचित्र है, बल्कि पीने के लिए पानी की बोतल (water bottles), पढ़ने के लिए समाचार पत्र (newspapers) और सुनने के लिए FM radio जैसी सुविधाएं भी हैं।

आकर्षण स्थान (attraction point)

1) स्वर्ण मंदिर 
स्वर्ण मंदिर को हरमिंदर साहिब मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। पूरा अमृतसर शहर स्वर्ण मंदिर के चारों तरफ बसा हुआ है। अमृतसर का नाम उस सरोवर के नाम पर रखा गया, जिसका निर्माण स्वयं गुरु राम दास जी ने किया था। इसी सरोवर के बीच में स्थित है स्वर्ण मंदिर या गोल्डन टेंपल। एक अनुमान के मुताबिक, स्वर्ण मंदिर में रोजाना करीब 1 लाख लोग लंगर खाते हैं। त्योहारों पर और वीकेंड पर यह संख्या डबल हो जाती है। सिर पर पगड़ी या कोई कपड़ा या टोपी के बिन परिसर में प्रवेश नहीं किया जाता। 

2) जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग भारत के इतिहास में अंग्रजों के एक क्रूर कांड के लिए जाना जाता है। क्रांतिकारी और बलिदानी वीरों का यह तीर्थ स्थल स्वर्ण मंदिर से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये बाग लाखों बेकसूर भारतीयों की मौत का गवाह है। 13 अप्रैल 1919 में यहां निहत्थे भारतीयों पर अंग्रेजों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं और उन्हें मौत के घाट उतार दिया। गोलियों से बचने के लिए कई लोग वहां मौजूद एक कुएं में कूद गए थे। आज भी अमृतसर आने वाला हर शख्स इस जगह पर जाकर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देना नहीं भूलता।

3) वाघा बॉर्डर
भारत के अमृतसर और पाकिस्तान के लाहौर के बीच ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित एक गांव है वाघा, जहां से दोनों देशों की सीमा गुजरती है। भारत और पाकिस्तान के बीच थल-मार्ग से सीमा पार करने का यह निर्धारित स्थान है। अमृतसर से वाघा बॉर्डर की दूरी करीब 27 किलोमीटर है। इस बॉर्डर को नियमित रूप से पर्यटकों के लिए खोला जाता है। यहां होने वाली बीटिंग रिट्रीट को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के जवान यहां पूरे उत्साह के साथ अपनी देशभक्ति का प्रदर्शन करते हैं।

4) गोबिंदगढ़ किला
अमृतसर एक ऐतिहासिक स्थल है जो शहर के बीचों बीच स्थित है। इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था। महाराज रणजीत सिंह ने इस किले का नाम गुरु गोबिंद सिंह के नाम पर गोबिंदगढ़ रखा था। इस किले का निर्माण ईंट और चूने से किया गया है। जनरल डायर ने इसी किले से जलियांवाला बाग जाकर 13 अप्रैल 1919 को खूनी खेल खेला था। कहा जाता है कि इस किले के खूनी दरवाजे के पास एक भूमिगत सुरंग है, जो लाहौर तक जाती है।

5) दुर्गियाना मंदिर
हिंदूओं का प्रसिद्ध मंदिर दुर्गियाना मंदिर स्वर्ण मंदिर से करीब 1.5 किलोमीटर दूर है। ये मंदर बाहर से देखने में स्वर्ण मंदिर की ही तरह दिखता है। देवी दुर्गा को समर्पित इस मंदिर का निर्माण साल 1908 में हरसई मल कपूर ने करवाया था। इस मंदिर में मां दुर्गा के अलावा लक्ष्मी-नारायण, शीतला माता और हनुमान जी की भी मूर्तियां हैं।

पाकिस्तान से कितनी दूर है 

  • यह भारत के बिल्कुल पश्चिमी छोर पर स्थित है। यहां से पाकिस्तान महज 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। करनाल, अंबाला, खन्ना, जालंधर और लुधियाना होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 1 द्वारा अमृतसर पहुँचा जा सकता है।
  • दूरी: यह दिल्ली से उत्तर पूर्व में 447 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • अमृतसर घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है