कौन है Anna Mani, जिनकी याद में आज Google ने बनाया 104 वीं जयंती पर Doodle

23 अगस्त 2022 को Google Doodle भारत के famous meteorologist और physicist अन्ना मणि (Anna Mani) की 104 वीं जयंती (birth anniversary) मन रहा है। अन्ना मणि (Anna Mani) को भारत की first woman scientist के रूप में जाना जाता है उन्हें 'The Weather Woman of India' के रूप में जाना जाता है उनका देश में सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिए बहुत योगदान है. ऐसे ही उन्होंने राष्ट्र में ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों के दोहन की नींव से लेकर कई पुरस्कारों से नवाजा गया है तो चलिए जानते है Anna Mani बारे में. ......

कौन है Anna Mani, जिनकी याद में आज Google ने बनाया 104 वीं जयंती पर Doodle

23 अगस्त 2022 को Google Doodle भारत के प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी (India's famous meteorologist) और भौतिक विज्ञानी (physicist) अन्ना मणि (Anna Mani) की 104 वीं जयंती (birth anniversary) मन रहा है। अन्ना मणि (Anna Mani) को भारत की पहली महिला वैज्ञानिक (first woman scientist) के रूप में जाना जाता है जिन्होंने देश में सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिए बहुत योगदान दिया। इसलिए, उन्हें 'The Weather Woman of India' के रूप में जाना जाता है और उन्होंने राष्ट्र में ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों के दोहन की नींव रखी है।

अन्ना मणि जन्म तिथि (anna mani date of birth)
अन्ना मणि का जन्म 23 अगस्त 1918 को केरल के पीरुमेट में हुआ था। वह त्रावणकोर नामक एक पूर्व राज्य में पली-बढ़ी। अन्ना मणि को बचपन से ही किताबें पढ़ने का बहुत शौक था और अंततः वह एक उत्साही पुस्तक पाठक बन गईं। उन्होंने अपनी लगभग सारी युवावस्था किताबों को पढ़ने और तलाशने में बिता दी और अपने सार्वजनिक पुस्तकालय में पूरे पुस्तक संग्रह को देखा।

अन्ना मणि: आविष्कार, पुरस्कार और योगदान (Anna Mani: Inventions, Awards and Contributions)
अन्ना मणि ने 1939 में प्रेसीडेंसी कॉलेज, मद्रास से भौतिकी और रसायन विज्ञान में BSc Honors की डिग्री के साथ स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में नोबेल पुरस्कार विजेता CV रमन के तहत अपने शोध का एक बड़ा हिस्सा किया।

अन्ना मणि एक अच्छी शोधकर्ता थीं और उनका काम भारत में कुछ प्रसिद्ध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुआ, जिससे उन्हें अच्छी पहचान मिली। अंततः, मणि को लंदन के इंपीरियल कॉलेज में स्नातक कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला, जहाँ उन्होंने मौसम संबंधी उपकरणों में विशेषज्ञता हासिल की।

अन्ना मणि 1948 में भारत लौट आए और भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) में काम करना शुरू कर दिया। IMD में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई मौसम पूर्वानुमान उपकरणों का डिजाइन और निर्माण किया, जिससे IMD में उनकी जड़ें मजबूत हुईं और बाद में, वह विभाग की प्रमुख बनीं।

IMD के अलावा, अन्ना मणि संयुक्त राष्ट्र विश्व मौसम विज्ञान संगठन से भी जुड़ी हुई थीं, जहाँ उन्होंने अपनी अनूठी प्रतिभा और कौशल के कारण कई प्रमुख पदों पर कार्य किया।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के कारण, अन्ना मणि को 1987 में INSA KR रामनाथन पदक से सम्मानित किया गया था। उनके सेवानिवृत्त होने के बाद, अन्ना मणि बेंगलुरु में रमन अनुसंधान संस्थान की ट्रस्टी बन गईं।