क्या है Sehore का गौरवशाली इतिहास, क्यों है ये ऋषियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान

सीहोर (Sehore) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के सीहोर ज़िले में स्थित एक नगर है। जिसका एक शानदार अतीत रहा है। शैव, शाक्त, जैन, वैष्णव, बौद्ध और नाथ पुजारियों ने सीहोर को अपने गहन ध्यान का एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया और.........

क्या है Sehore का गौरवशाली इतिहास, क्यों है ये ऋषियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान

सीहोर (Sehore) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के सीहोर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उस जिले का मुख्यालय भी है।सीहोर (Sehore) मालवा क्षेत्र के मध्य में विंध्याचल श्रेणी (Vindhyachal range) की तलहटी में स्थित है। सीहोर (Sehore) का एक शानदार अतीत रहा है। शैव, शाक्त, जैन, वैष्णव, बौद्ध और नाथ पुजारियों ने सीहोर को अपने गहन ध्यान का एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। सीहोर भोपाल एस्टेट (Sehore Bhopal Estate) का एक हिस्सा था। मध्य प्रदेश बनने के बाद 1972 में इसे विभाजित किया गया और एक नया जिला भोपाल बनाया गया।

इतिहास (history)
सीहोर (Sehore) ब्रिटिश राज में बना एक शहर है, जो आज भी उस काल के पुरातात्विक महत्व की कई इमारतों को समेटे हुए है। मध्य प्रदेश का एक प्रसिद्ध देवी मंदिर सलकनपुर में है। यहां पहाड़ की चोटी पर बिजासन देवी की एक पिंडी है और यहां देश भर से हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं, खासकर नवरात्रि के दौरान यह संख्या काफी बढ़ जाती है। मध्य प्रदेश के सीहोर (Sehore) जिले में स्थित यह मंदिर राजधानी भोपाल से 80 किमी की दूरी पर स्थित है। सरू मारू गुफाएं (Saru Maru Caves) राजधानी से 84 किमी की दूरी पर स्थित हैं, जो बौद्ध धर्म से संबंधित हैं। यहां विशाल स्तूप और गुफाएं हैं। इनके अलावा यहां एक पेशवा युग का गणेश मंदिर (Peshwa era Ganesh temple) भी है।