Noida Supertech Twin Towers गिरने से कौन सी घातक बीमारियां लेगी जन्म, जानें बचाव के उपाय

सुपरटेक टावर (supertech tower) ध्वस्त होने के बाद बढ़ेंगी आसपास रहने वाले लोगों की स्वास्थ्य चुनौतियां, ट्विन टॉवर (twin tower) विध्वंस के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्लान बनाया है, जैसे Ambulances अस्पतालों में Safe houses बनाए गए, तो चलिए जानते है की क्या क्या स्वास्थ्य प्रोब्लेम्स होने वाली है और इनसे कैसे बचा जा सकता है........

Noida Supertech Twin Towers गिरने से कौन सी घातक बीमारियां लेगी जन्म, जानें बचाव के उपाय

Delhi NCR  के बड़े शहर नोएडा में मशहूर बिल्डर सुपरटेक (Supertech) द्वारा बनाए गए ट्विन टावर (twin tower) को गिराने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. गिराने के लिए कुछ तैयारी की जा रही है। भवन बनाते समय आसपास के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब twin tower को गिराने के के बाद लोगों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। रविवार 28 अगस्त को जब इन ट्विन टावरों को नीचे लाया जाएगा, उस समय यहां से करीब 500 मीटर के दायरे में निकलने वाले धूल के बादल करीब 30 मिनट तक वातावरण में फैले रहेंगे. धूल के इस बादल से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ट्विन टावर के ढहने से यहां करीब 30 हजार टन मलबा इकट्ठा होगा, जिसे साफ करने में करीब 3 महीने से ज्यादा का समय लग सकता है। मलबे का यह ढेर लोगों के लिए भी बड़ी परेशानी खड़ी करेगा।


नोएडा में twin tower यानी एपेक्स (Apex) और सीयान टावर्स (Cyan Towers) ध्वस्त होते ही हवा के चलते धूल भरी आंधी चलेगी। जिससे आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण पांच गुना तक बढ़ जायेगा है। इससे 28 अगस्त के दिन से लेकर अगले 90 दिनों तक लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि कोच्चि में चार टावर होली फेथ एच20, अल्फा सिरेन, जैन कोरल कोव और गोल्डन कयालोरम के विध्वंस के बाद और मराडू, केरल में जनवरी 2020 में, पड़ोस के लोगों को महीनों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं। इसमें कई हफ्तों तक लोग सिर दर्द (Headache), अस्थमा (Asthma), अटैक(Attack), सर्दी (Cold), कफ और एलर्जी (Phlegm and Allergy) से परेशान होते आये थे।


उस समय प्रशासन को केरल में स्वास्थ्य शिविर (health camp) लगाने पड़े थे। टावर (tower) गिराए जाने के बाद आसपास के घरों, पेड़ों, दीवारों, पार्कों समेत खाली जगहों पर धूल की मोटी परत जम गई थी. हल्की सी भी हवा चलने पर भी धूल लोगों के घरों में चली जाती थी।

डॉ. डी.के. गुप्ता के मुताबिक, टावर गिराने की प्रक्रिया के दौरान 10 से 15 किमी के क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण (noise pollution) और वायु प्रदूषण (air pollution) के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन टावर (tower) के ढहने के तुरंत बाद यह समस्या और बढ़ जाएगी. विध्वंस के कारण धूल का गुबार लगभग 150 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ने की आशंका है। इसे नियंत्रित करने के लिए ऑटोमेटिक वाटर स्प्रिंकलर (automatic water sprinkler) के साथ वाटर टेंडर (water tender) मौजूद रहेगा। जबकि धूल भरी आंधी कितनी दूर तक जाएगी यह हवा की गति पर निर्भर करेगा।


एमराल्ड कोर्ट सोसायटी (Emerald Court Society) और एटीएस विलेज सोसायटी (ATS Village Society) इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी। ऐसे में सांस संबंधी बीमारियों (respiratory diseases) से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होगी। धूल के कणों और अचानक बढ़े वायु प्रदूषण के कारण लोगों को निम्न समस्याएं हो सकती हैं...

सिर दर्द
आंखों में दिक्कत
क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस
स्किन रैशेस
नाक बहना, गले में दिक्कत
कफ की समस्या
अस्थमा के अटैक
ब्लड प्रेशर बढ़ जाना
मानसिक तनाव
जल्दी लेवेर पेन, प्रीमैच्योर डिलीवरी
एलर्जिक सायनसाइटिस

कैसे बचें 

डॉ. डीके गुप्ता ने बताया कि इस दौरान मास्क पहनें। कुछ समय के लिए आसपास के क्षेत्र से दूर रहें। घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। घर से बाहर निकलने से बचें। नियमित रूप से दवाएं लें (those who are taking medicines for any disease)। स्किन मॉइश्चराइजर (skin moisturizer) का इस्तेमाल करें। आंखों की सुरक्षा के लिए गॉगल्स का इस्तेमाल करें। त्वचा या आंखों में जलन होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।