शापित कुर्सी की कहानी, 320 साल से रखी है म्यूजियम में, जो भी बैठा उसकी हुई रहस्यमय मौत

हमने भूतों की फिल्मों में देखा है कि एक घर शापित होता है और जो भी उस घर में जाता है वह मर जाता है या ऐसा होता है कि उस घर में कुछ ऐसा होता है जिसके कारण लोगों के साथ बुरा होता है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि असल जिंदगी में भी कुछ ऐसा होता है.......

शापित कुर्सी की कहानी, 320 साल से रखी है म्यूजियम में, जो भी बैठा उसकी हुई रहस्यमय मौत

हमने भूतों की फिल्मों में देखा है कि एक घर शापित होता है और जो भी उस घर में जाता है वह मर जाता है या ऐसा होता है कि उस घर में कुछ ऐसा होता है जिसके कारण लोगों के साथ बुरा होता है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि असल जिंदगी में भी कुछ ऐसा होता है, अगर नहीं तो आज हम आपको एक शख्स के बारे में बताएंगे की कैसे उसे एक कुर्सी से लगाव हो जाता है और उसके मरने के बाद वो कुर्सी भी शापित हो जाती है और जो भी उस कुर्सी पर बैठता उसकी मृत्यु निश्चित थी।

18वीं सदी में इंग्लैंड के थर्स्क (Thirsk) में थॉमस बज्बी (Thomas Busby) नाम का एक शख्स रहता था। उनका एक साथी था जिसका नाम डेनियल औटी (Daniel Auty) था। बताया जाता है कि ये दोनों नकली सिक्के बनाने का अवैध काम करते थे। डेनियल न केवल थॉमस के अच्छे दोस्त थे, बल्कि थॉमस ने उनकी बेटी एलिजाबेथ से शादी भी की थी। जिसके बाद दोनों दामाद और ससुर बन गए।

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बाद में यह दोस्ती और भी गहरी हो गई। हर दिन काम के बाद दोनों थर्स्क (Thirsk) में अपने पसंदीदा बार में एक साथ बैठते थे और वहां शराब पीते थे। थॉमस उस बार में हमेशा एक ही कुर्सी पर बैठते थे जिससे उन्हें एक विशेष लगाव था। अगर कोई उस कुर्सी पर बैठता तो थॉमस उससे लड़ने लगता। फिर उसे जबरदस्ती वहां से हटाकर खुद उसमें बैठ जाता। लेकिन यही कुर्सी आगे चलकर कई लोगों की जान लेने वाली थी। इस बात से सभी अंजान थे।

कहानी साल 1702 से शुरू होती है। एक दिन एक बार में थॉमस और डेनियल के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। बात मारपीट तक पहुंच गई। फिर डेनियल थॉमस को चिढ़ाने के लिए उसकी पसंदीदा कुर्सी पर बैठ गया। यह देखकर थॉमस को इतना गुस्सा आया कि उसने डेनियल को मार डाला।

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पुलिस ने हत्या के आरोप में थॉमस को गिरफ्तार किया है। जिसके बाद थॉमस को अपने ससुर की हत्या के जुर्म में मौत की सजा सुनाई गई थी। जिस दिन थॉमस को फांसी दी जानी थी। उस दिन उससे उसकी अंतिम इच्छा पूछी गई। फांसी से पहले अपनी अंतिम इच्छा जाहिर करते हुए थॉमस ने कहा कि वह थिरस्क के बार में अपनी पसंदीदा कुर्सी पर बैठकर अपना आखिरी भोजन करना चाहता हैं। थॉमस की यह इच्छा मान ली गई और उन्हें उसी बार में ले जाया गया। खाना खाकर वह उठ खड़ा हुआ और बोलने लगा 'जो मेरी कुर्सी पर बैठने की हिम्मत करेगा वह मरेगा'। तब से यह कुर्सी वाकई श्रापित हो गई।

कुर्सी पर बैठने से पायलट की हो जाती थी मौत - The pilot used to die by sitting on the chair

Medium.com के मुताबिक, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रॉयल एनफॉर्स के दो पायलट उस पब में आए और उस कुर्सी पर बैठ गए। फिर जैसे ही वे दोनों पब से बाहर आए, उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया और दोनों पायलटों की मौत हो गई। इसके बाद इस कुर्सी पर जो भी बैठा उसकी रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। लगातार हो रही इन मौतों के चलते पब के मालिक ने यह कुर्सी गोदाम में रखवा दी, लेकिन इस कुर्सी के अभिशाप ने लोगों का वह भी पीछा नहीं छोड़ा।

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यह शापित कुर्सी थिरस्क के संग्रहालय में है - This cursed chair is in the museum at Thirsk 

एक बार गोदाम में कुछ सामान रखने आया मजदूर थक कर उस कुर्सी पर बैठ गया। फिर एक घंटे बाद उस मजदूर की सड़क हादसे में मौत हो गई। इस घटना के बाद पब के मालिक ने इस मनहूस कुर्सी को थिरस्क के संग्रहालय को दान कर दिया। तब से यह कुर्सी उस म्यूजियम में 5 फीट की ऊंचाई पर रखी हुई थी। ताकि इस कुर्सी पर कोई गलती से भी न बैठे।