इन्दिरा गांधी | Indira Gandhi (1917-1984)

इन्दिरा गांधी भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री है। वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार तीन पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं।

इन्दिरा गांधी | Indira Gandhi (1917-1984)

इन्दिरा गांधी की जीवनी:

इन्दिरा गांधी भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री है। वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार तीन पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। इन्हें मुख्यता: निजी स्वार्थ के लिए आपातकाल, और संसद के सामने साधुओं के नरसंहार के लिए जाना जाता है।

इन्दिरा गांधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 को राजनीतिक रूप से प्रभावशाली नेहरू परिवार में हुआ था।[1] इनके पिता जवाहरलाल नेहरू और इनकी माता कमला नेहरू थीं। इन्दिरा को उनका "गांधी" उपनाम फिरोज़ गाँधी से विवाह के पश्चात मिला था। इनका मोहनदास करमचंद गाँधी से तो खून का और ही शादी के द्वारा कोई रिश्ता था। इनके पिता जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के एक प्रमुख व्यक्तित्व थे और आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री रहे। इन्दिरा गाँधी की हत्या 31अक्टूबर 1984 को उनके बॉडीगार्ड सतवंत सिंह और बिंत सिंह द्वारा गोली मारकर की गयी।

शिक्षा:

1934–35 में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के पश्चात, इन्दिरा ने शान्तिनिकेतन में रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा निर्मित विश्व-भारती विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ही इन्हे "प्रियदर्शिनी" नाम दिया था। इसके पश्चात यह इंग्लैंड चली गईं और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में बैठीं, परन्तु यह उसमे विफल रहीं और ब्रिस्टल के बैडमिंटन स्कूल में कुछ महीने बिताने के पश्चात, 1937 में परीक्षा में सफल होने के बाद इन्होने सोमरविल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में दाखिला लिया। इस समय के दौरान इनकी अक्सर फिरोज़ गाँधी से मुलाकात होती थी, जिन्हे यह इलाहाबाद से जानती थीं और जो लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स में अध्ययन कर रहे थे। अंततः 16 मार्च 1942 को आनंद भवन, इलाहाबाद में एक निजी आदि धर्म ब्रह्म-वैदिक समारोह में इनका विवाह फिरोज़ से हुआ।

प्रथम प्रधानमंत्री:

11 जनवरी 1966 को लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद में देहांत के बाद अंतरिम चुनावों में उन्होंने बहुमत से विजय हासिल की,और प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला।

प्रधान मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धियां प्रिंसी पर्स के उन्मूलन के लिए प्रिंसिपल राज्यों के पूर्व शासकों और चार प्रीमियम तेल कंपनियों के साथ भारत के चौदह सबसे बड़े बैंकों के 1969 राष्ट्रीयकरण के प्रस्तावों को पास करवाना था। उन्होंने देश में खाद्य सामग्री को दूर करने में रचनात्मक कदम उठाए और देश को परमाणु युग में 1974 में भारत के  पहले भूमिगत विस्फोट के साथ नेतृत्व किया।

Remembering the legacy of Indira Gandhi

छवि स्रोत Livemint

1971 के चुनाव में विजय और द्वितीय कार्यकाल (1971- 1975):

गाँधी की सरकार को उनकी 1971 के जबरदस्त जनादेश के बाद प्रमुख कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कांग्रेस पार्टी की आंतरिक संरचना इसके असंख्य विभाजन के फलस्वरूप कमजोर पड़ने से चुनाव में भाग्य निर्धारण के लिए पूरी तरह से उनके नेतृत्व पर निर्भरशील हो गई थी। गांधी का सन् 1971 की तैयारी में नारे का विषय था गरीबी हटाओ। यह नारा और प्रस्तावित गरीबी हटाओ कार्यक्रम का खाका, जो इसके साथ आया, गांधी को ग्रामीण और शहरी गरीबों पर आधारित एक स्वतंत्र राष्ट्रीय समर्थन देने के लिए तैयार किए गए थे। इस तरह उन्हें प्रमुख ग्रामीण जातियों के दबदबे में रहे राज्य और स्थानीय सरकारों एवं शहरी व्यापारी वर्ग को अनदेखा करने की अनुमति रही थी। और, अतीत में बेजुबां रहे गरीब के हिस्से, कम से कम राजनातिक मूल्य एवं राजनातिक भार, दोनों की प्राप्ति में वृद्धि हुई।

निजी जिंदगी:

इन्दिरा ने फिरोज़ गाँधी से विवाह किया।[18] शुरू में संजय उनका वारिस चुना गया था, लेकिन एक उड़ान दुर्घटना में उनकी मृत्यु के बाद, उनकी माँ ने अनिच्छुक राजीव गांधी को पायलट की नौकरी परित्याग कर फरवरी 1981 में राजनीति में प्रवेश के लिए प्रेरित किया।

इन्दिरा मृत्यु के बाद राजिव गांधी प्रधानमंत्री बनें। मई 1991 में उनकी भी राजनैतिक हत्या, इसबार लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम के आतंकवादियों के हाथों हुई। राजीव की विधवा, सोनिया गांधी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को 2004 के लोक सभा निर्वाचन में एक आश्चर्य चुनावी जीत का नेतृत्व दिया।

सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री कार्यालय अवसर को अस्वीकार कर दिया लेकिन कांग्रेस की राजनैतिक उपकरणों पर उनका लगाम है; प्रधानमंत्री डॉ॰ मनमोहन सिंह, जो पूर्व में वित्त मंत्री रहे, अब राष्ट्र के नेतृत्व में हैं। राजीव के संतान, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी राजनीति में प्रवेश कर चुके हैं। संजय गांधी की विधवा, मेनका गांधी - जिनका संजय की मौत के बाद प्रधानमंत्री के घर से बाहर निकाला जाना सर्वज्ञात है और साथ ही संजय के पुत्र,वरुण गांधी भी, राजनीति में मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी दल में सदस्य के रूप में सक्रिय हैं।

इंदिरा गाँधी का लेखन कार्य:

  • उनकी हत्या का जिक्रटॉम क्लेन्सि द्वारा अपने उपन्यास एक्जीक्यूटिव ऑर्डर्स में किया गया है।
  • यद्यपि कहीं भी नाम का उल्लेख नहीं मिलता है, रोहिंतों मिस्त्री के फाईन बैलेंस में इंदिरा गांधी ही स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री है।
  • सलमान रुशदी के उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रन में इंदिरा, जिन्हें सारे उपन्यास में "दा विडो" बुलाया जाता है, स्वयं जिम्मेदार है अपने अविस्मरनीय चरित्र के पतन के लिए। इंदिरा गाँधी का यह चित्रण, इसमे उनके एवं उनकी नीतिओं, दोनों के रूखे प्रदर्शन से कुछ खेमों में विवादित है।
  • शशि थरूर की दा ग्रेट इंडियन नोवेल में प्रिय दुर्योधन का चरित्र साफ़ साफ़ इंदिरा गाँधी को संदर्भित करता है।
  • "आंधी", गुलज़ार द्वारा निर्देशित एक हिन्दी चलचित्र (फीचर फ़िल्म) है, जो आंशिक रूप से इंदिरा की जिंदगी के कुछ घटनाओं, विशेष रूप से उनकी (सुचित्रा सेन द्वारा फिल्माया गया) उनके पति के साथ कठिन सम्बन्ध (संजीव कुमार द्वारा फिल्माया गया), का काल्पनिक अनुकरण है।

यन्न मार्टेल के लाइफ ऑफ़ पाई में 1970 के दशक के मध्य में भारत के राजनितिक माहौल का जिक्र करते समय "श्रीमती गाँधी" नाम से इंदिरा गाँधी का कई बार उल्लेख किया गया है।